Tuesday 1 September 2015

PM Letter Man Ki Baat !

मेरे प्यारे देशवासियों,
पिछले वर्ष आज के दिन जनता-जनार्द ार्दन के आशीर्वा द से मुझे प्रधानमंत्री का दायित्व मि ला। मैं स्वय ं को "प्रधान सेवक" मानकर अपनी जिम्मे ्मेदारी इसी भावना से नि भा रहा हूं।
अन्त ्यो दय हमारे राजनैति क दर्श र्शन का मूल मंत्र है। प्रमुख फैसले लेते समय हमेशा वंचित, गरीब, मजदूर और किसा न हमारी आंखों के सा मने रहते हैं। जन-धन योजना में हर परिवार का बैंकखाता और प्रधानमंत्री जीवन-ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एवं अटल पेन्श न योजना इसी का प्रमाण हैं।
"अन्न दाता सुखी भवः" हमारी सर् वोच्च प्रा थमि कता है। हमारे किसा न अथक मेहनत कर देश को खाद्य सुरक्षा प्रदान करते हैं। प्रधानमंत्री कृषि सिंचा ई योजना, सॉइल हेल्थ कार्ड, बिजली की बेहतर उपलब्ध ता, नई "यूरिया नीति ", कृषि वि कास के लि ए हमारी प्रति बद्ध ता है। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से पीड़ित किसा नों के सा थ हम मजबूती से खड़े ड़े रहे। सहाय ता राशि को डेढ़ गुना किया ।
भ्रष्टाचा र-मुक्त , पा रदर् शी, नीति -आधारित प्रशास न एवं शीघ्र निर्णय निर्णयनिर्णय हमारे मूलभूत सिद्धां त हैं। पहले प्रा कृति क सम्प दा जैसे कोयला या स्पैक् ्पैक् ट्रम का आबंटन मनमानी से, चहेते उद्यो गपतिय ों को होता था। किन्तु ्तु देश के संसा धन देश की सम्पत् ति हैं। सरकार का मुखिया िया होने के नाते मैं उसका ट्रस्टी हूं। इसीलि ए हमने निर्णय निर्णयनिर्णय लिया कि इनका आबंटन नीलामी से होगा। कोयले के अब तक हुए आबंटन से लगभग तीन लाख करोड़ रुपए और स्पैक् ्पैक् ट्रम से लगभग एक लाख करोड़ रुपय े की आमदनी होगी!
स स

दृढ़ अर्थ र्थव्य वस्था के लि ए भरोसेमंद सरकार आवश्य क होती है। जब हमारी सरकार बनी उस समय आर्थि र्थिक स्थिति डा वांडोल थी। महंगाई तेजी से बढ़ रही थी। मुझे खुशी है कि हमारे प्रयास ों से वि गत वर्ष में भारत वि श्व की तीव्रतम वि कास वाली अर्थ र्थव्य वस्था बनी, महंगाई निय ंत्रि त हुई और पूरे वातावरण में नए उत्सा ह का संचा र हुआ।
वि श्व स्त र पर भारत की प्रतिष ्ठा बढ़ी है। पूंजी नि वेश बढ़ा है। ‘'मेक इन इंडिया '’ और ‘'स्कि ल इंडिया '’ अभिया न का उद्दे ्देश्य हमारे युवाओं को रोजगार प्रदान कराना है। हमने मुद्रा बैंक की स्थाप ना की जिसस े छोटे-छोटे रोजगार चलाने वाले भाई-बहनों को दस हजार रुपए से दस लाख रुपए तक के बैंक-ऋण सुलभ होंगे। हमने कालाधन वापस लाने का वादा किया था। सरकार बनते ही पहला निर्णय निर्णय निर्णयनिर्णय कालेधन पर एसआईटी गठन करने का था। फि र हमने वि देशों में कालाधन रखने वालों को कड़ी सजा देने के लि ए कानून बनाया ।
"स्व च्छ भारत अभिया न" की सोच है कि बहू-बेटी को खुले में शौच न जाना पड़े पड़े, शौचा लय के अभाव में बेटिया ं स्कू ्कू ल न छोड़े ड़े और गंदगी से मास ूम बच्चे ्चे बार-बार बीमार न पड़ ें। बालकों की तुलना में बालि काओं की गि रती संख्या बहुत चिंता का विषय है, इसलि ए हमने ''बेटी बचा ओ, बेटी पढ़ा ओ'' अभिया न चलाया । सदिय ों से हमारी आस्था का केन्द्र जीवनदायिनी मां गंगा प्रदूषण-मुक्त हो इसलि ए हमने "नमामि गंगे" कार्य ार्यक्रम शुरू किया । हमारा इरादा है कि गांव की तस्वी र बदले और मूलभूत सुवि धाएं जैसे प्रत्येक परिवार के लि ए पक्का घर, चौबीस घंटे बिजली, पीने का शुद्ध पा नी, शौचा लय, सड़ क और इंटरनेट की व्य वस्था हो जिसस े लोगों का जीवनस्त र बेहतर हो। इन सबकी सफलता के लि ए आपकी भागीदारी आवश्य क है।
हमने जोड़ ने का काम किया िया है - देश की सीमाओं, बंदरगाहों और पूरे भारत को एक कोने से दूसरे कोने तक जोड़ ने के लि ए सड़ कें और रेलवे को नया जीवन देने का प्रयास । लोगों को जोड़ ने के लि ए "डिजिटल इंडिया " कनेक्टिवि टी। सभी मुख्य मंत्रिय ों के सा थ "टीम इंडिया " की अवधारणा भी दूरिया ं मि टाने की कोशि श है।
प्रथम वर्ष में वि कास या त्रा की मजबूत नींव से देश ने खोया वि श्वास पाया है। मुझे भरोसा है कि हमारे प्रयास ों ने आपकी जिंदगी को छुआ होगा। यह मात्र शुरूआत है।
देश आगे बढ़ने के लि ए तैया र है। आइये… हम सब संकल्प लें कि हमारा हर कदम देशहि त में आगे बढ़े ढ़े।
आपकी सेवा में समर्पि र्पित,
जय हि न्द !

No comments:

Post a Comment